bihar gk in hindi 50 facts abou bihar

Bihar Gk In Hindi 50 Facts About Bihar

Bihar Gk In Hindi 50 Facts About Bihar

bihar gk in hindi 50 facts abou bihar


प्रश्न 1: बिहार का नाम “बिहार” कैसे पड़ा?

उत्तर:
बिहार का नाम “विहार” शब्द से आया है, जो संस्कृत का शब्द है और इसका अर्थ होता है “मठ” या “बौद्ध भिक्षुओं का निवास स्थान”। प्राचीन काल में यह क्षेत्र बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र था। यहाँ अनेक बौद्ध मठ, विहार और शिक्षण संस्थान थे, जिनमें नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालय विश्व प्रसिद्ध हैं। मौर्य और गुप्त काल में यह प्रदेश शिक्षा, संस्कृति और धर्म का केन्द्र रहा।

महात्मा बुद्ध ने भी बिहार की भूमि पर ज्ञान प्राप्त किया था और अपने जीवन के कई महत्वपूर्ण प्रवचन यहीं दिए। समय के साथ ‘विहार’ शब्द बोलचाल की भाषा में बदलते-बदलते ‘बिहार’ बन गया। यह नाम पूरे क्षेत्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान बन गया। इसलिए कहा जा सकता है कि बिहार केवल एक राज्य नहीं बल्कि भारत की ज्ञान परंपरा का प्रतीक है।


प्रश्न 2: बिहार की राजधानी पटना का ऐतिहासिक महत्व क्या है?

उत्तर:
पटना का ऐतिहासिक नाम पाटलिपुत्र था और यह भारत के सबसे पुराने नगरों में से एक है। यह नगर मौर्य, गुप्त और शुंग वंशों की राजधानी रहा है। चंद्रगुप्त मौर्य और सम्राट अशोक जैसे महान शासकों ने यहीं से पूरे भारतवर्ष पर शासन किया। पाटलिपुत्र न केवल राजनीतिक दृष्टि से बल्कि व्यापार, संस्कृति और शिक्षा का भी प्रमुख केंद्र था।

ग्रीक यात्री मेगास्थनीज ने भी अपनी पुस्तक ‘इंडिका’ में पाटलिपुत्र की प्रशंसा की है। यहाँ गंगा नदी के किनारे बसावट होने से यह नगर व्यापारिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बन गया। आज पटना बिहार की राजधानी के रूप में प्रशासनिक, शैक्षणिक और धार्मिक दृष्टि से भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है।


प्रश्न 3: नालंदा विश्वविद्यालय का क्या ऐतिहासिक महत्व है?

उत्तर:
नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन भारत का सबसे प्रसिद्ध शिक्षा संस्थान था, जिसकी स्थापना 5वीं शताब्दी में गुप्त सम्राट कुमारगुप्त ने की थी। यह विश्वविद्यालय न केवल भारत में बल्कि पूरे एशिया में ज्ञान का केंद्र था, जहाँ से चीन, कोरिया, जापान और तिब्बत के छात्र शिक्षा प्राप्त करने आते थे। यहाँ बौद्ध धर्म, गणित, खगोलशास्त्र, आयुर्वेद, तर्कशास्त्र और व्याकरण जैसे विषय पढ़ाए जाते थे।

चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी नालंदा का विवरण अपने यात्रा वृतांत में दिया है। यहाँ लगभग 10,000 छात्र और 2,000 शिक्षक रहते थे। इस विश्वविद्यालय में विशाल पुस्तकालय था जिसमें लाखों पांडुलिपियाँ थीं। 12वीं शताब्दी में बख्तियार खिलजी ने इस विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया, जिससे एक महान शैक्षिक युग का अंत हो गया।


प्रश्न 4: बिहार का कौन-सा स्थल जैन धर्म के लिए महत्वपूर्ण है?

उत्तर:
पावापुरी, जो बिहार के नालंदा जिले में स्थित है, जैन धर्म का एक अत्यंत पवित्र स्थल है। यह वही स्थान है जहाँ भगवान महावीर, जो जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे, ने अपने जीवन की अंतिम सांस ली थी और निर्वाण प्राप्त किया था। महावीर ने अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह और तपस्या के सिद्धांतों का प्रचार किया, जो आज भी जैन धर्म की आधारशिला हैं।

पावापुरी में भगवान महावीर के सम्मान में एक भव्य जल मंदिर (जलमंदिर) बनाया गया है, जो एक सुंदर तालाब के बीचों-बीच स्थित है। यहाँ प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यह स्थल धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ बिहार की सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता है।


प्रश्न 5: बिहार का कौन-सा त्योहार सबसे प्रमुख और विशेष रूप से मनाया जाता है?

उत्तर:
बिहार का सबसे प्रसिद्ध त्योहार छठ पूजा है, जिसे सूर्य उपासना का पर्व माना जाता है। यह त्योहार कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है और इसकी शुरुआत नहाय खाय से होती है। इसमें महिलाएँ कठोर व्रत रखती हैं, जल में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।

छठ पूजा की विशेषता इसकी सादगी, पवित्रता और पर्यावरण के प्रति सम्मान में निहित है। यह त्योहार न केवल बिहार में बल्कि उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल में भी मनाया जाता है। अब यह विदेशों में बसे बिहारवासियों के बीच भी लोकप्रिय हो गया है। इस पर्व में सामूहिकता, स्वच्छता और आध्यात्मिक अनुशासन का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।


प्रश्न 6: बिहार की कौन-सी भाषा मुख्य रूप से बोली जाती है?

उत्तर:
बिहार में हिंदी राज्य की आधिकारिक भाषा है, लेकिन यहाँ की जनजीवन में क्षेत्रीय भाषाओं का बहुत बड़ा योगदान है। बिहार में मुख्य रूप से भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका और वज्जिका जैसी भाषाएँ बोली जाती हैं। इन भाषाओं में सांस्कृतिक, साहित्यिक और सामाजिक धरोहर गहराई से जुड़ी हुई है।

मैथिली को 2003 में भारत की आठवीं अनुसूची में शामिल कर आधिकारिक मान्यता दी गई, और यह मिथिलांचल क्षेत्र में बोली जाती है। भोजपुरी पश्चिमी बिहार में प्रमुख है और इसकी लोकप्रियता अब देश-विदेश तक फैल चुकी है। मगही मगध क्षेत्र में प्रचलित है और प्राचीन पालि भाषा से इसका गहरा संबंध माना जाता है।

इन भाषाओं में लोकगीत, लोककथा, नाटक और कविता की समृद्ध परंपरा है। शादी-ब्याह, पर्व-त्योहार और अन्य सामाजिक अवसरों पर इन भाषाओं की मिठास सुनने को मिलती है। बिहार की भाषाएँ केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि यहाँ की आत्मा हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी विरासत के रूप में जीवित हैं।


प्रश्न 7: चंपारण सत्याग्रह का बिहार के इतिहास में क्या महत्व है?

उत्तर:
चंपारण सत्याग्रह बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में 1917 में हुआ था और यह महात्मा गांधी का भारत में पहला सत्याग्रह आंदोलन था। यह आंदोलन नील की खेती कर रहे किसानों के अधिकारों के लिए लड़ा गया था, जिन्हें अंग्रेज जमींदार जबरन ‘तीनकठिया’ प्रणाली के तहत नील उगाने को मजबूर करते थे। इस प्रणाली में किसानों को अपनी भूमि का एक हिस्सा नील की खेती के लिए देना पड़ता था।

गांधी जी ने चंपारण पहुँचकर किसानों की समस्याओं को समझा और शांतिपूर्ण विरोध का मार्ग अपनाया। उन्होंने किसानों को संगठित किया और प्रशासन से उनकी समस्याओं के समाधान की मांग की। यह आंदोलन अंग्रेजों के खिलाफ पहला अहिंसात्मक जन-आंदोलन था, जिसने पूरे देश को प्रेरणा दी।

सरकार को आखिरकार झुकना पड़ा और तीनकठिया प्रणाली को समाप्त करना पड़ा। चंपारण सत्याग्रह ने न केवल किसानों को न्याय दिलाया, बल्कि यह स्वतंत्रता संग्राम की नींव भी बना। गांधीजी के लिए यह आंदोलन भारतीय राजनीति में प्रवेश का द्वार साबित हुआ और बिहार की धरती एक ऐतिहासिक क्रांति का गवाह बनी।


प्रश्न 8: बिहार का कौन-सा स्थान बुद्ध धर्म के लिए सबसे पवित्र माना जाता है?

उत्तर:
बोधगया बिहार का वह पवित्र स्थल है जहाँ महात्मा बुद्ध ने बोधि वृक्ष के नीचे ध्यान लगाकर ज्ञान प्राप्त किया था। यह स्थान गया जिले में स्थित है और यह विश्वभर के बौद्ध अनुयायियों के लिए एक तीर्थस्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ स्थित महाबोधि मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी है।

बोधगया में आज भी वह बोधि वृक्ष है (हालाँकि यह मूल वृक्ष का वंशज है), जिसके नीचे गौतम बुद्ध ने सत्य का मार्ग पाया था। यहाँ आने वाले श्रद्धालु ध्यान, पूजा और साधना के माध्यम से आंतरिक शांति की तलाश करते हैं। थाईलैंड, जापान, श्रीलंका, चीन, म्यांमार जैसे देशों के श्रद्धालु यहाँ नियमित रूप से आते हैं।

बोधगया में कई देशों द्वारा बनाए गए बौद्ध मंदिर, मठ और स्तूप भी हैं जो इसकी वैश्विक धार्मिक महत्ता को दर्शाते हैं। इस पवित्र स्थल ने बिहार को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दी है और यह अध्यात्म, दर्शन और अहिंसा का प्रतीक बन गया है।


प्रश्न 9: बिहार के किस व्यक्ति को भारत का पहला राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त हुआ?

उत्तर:
डॉ. राजेंद्र प्रसाद बिहार के सीवान जिले के जीरादेई गाँव में जन्मे थे और उन्हें भारत के पहले राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त हुआ। वे 26 जनवरी 1950 से 13 मई 1962 तक इस पद पर रहे और आज तक के सबसे लंबे समय तक राष्ट्रपति रहने वाले व्यक्ति भी हैं। उनका जीवन सादगी, ईमानदारी और राष्ट्रसेवा का प्रतीक था।

उन्होंने कानून की पढ़ाई की थी और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी। महात्मा गांधी के नेतृत्व में वे कई आंदोलनों में सक्रिय रहे, विशेष रूप से असहयोग और नमक सत्याग्रह में। उन्होंने बिहार में आए 1934 के भूकंप में राहत कार्यों में भी अग्रणी भूमिका निभाई थी।

भारत के संविधान निर्माण में उन्होंने संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया। राष्ट्रपति बनने के बाद भी उन्होंने कभी विलासिता का जीवन नहीं अपनाया और हमेशा एक शिक्षक और जनसेवक की तरह कार्य किया। उनके नाम पर पटना में राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय और अन्य कई संस्थान हैं।


प्रश्न 10: बिहार के कौन-कौन से ऐतिहासिक विश्वविद्यालय प्रसिद्ध रहे हैं?

उत्तर:
बिहार में प्राचीन काल में शिक्षा का अद्वितीय केंद्र रहा है। नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय इसकी प्रमुख मिसालें हैं, जो पूरे एशिया में शिक्षा, दर्शन और बौद्ध धर्म के अध्ययन का प्रमुख स्थल रहे हैं।

नालंदा विश्वविद्यालय 5वीं शताब्दी में स्थापित हुआ और इसे दुनिया का पहला आवासीय विश्वविद्यालय माना जाता है। यहाँ दस हजार छात्र और दो हजार शिक्षक रहते और पढ़ाते थे। गणित, खगोलशास्त्र, तर्कशास्त्र, आयुर्वेद और बौद्ध धर्म यहाँ के प्रमुख विषय थे।

विक्रमशिला विश्वविद्यालय 8वीं शताब्दी में पाल वंश के राजा धर्मपाल ने स्थापित किया था। यह बौद्ध धर्म के वज्रयान संप्रदाय का प्रमुख शिक्षा केंद्र था। यहाँ भी हजारों छात्र पढ़ाई करते थे और तिब्बत, चीन, श्रीलंका आदि देशों से छात्र यहाँ शिक्षा के लिए आते थे।

इन दोनों विश्वविद्यालयों को विदेशी आक्रमणकारियों ने नष्ट कर दिया, लेकिन आज भी इनके अवशेष बिहार की गौरवशाली ज्ञान परंपरा की गवाही देते हैं। आज आधुनिक नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना इन्हीं परंपराओं को आगे बढ़ाने के लिए की गई है।


प्रश्न 11: बिहार का सबसे बड़ा जिला कौन-सा है, और उसकी विशेषताएँ क्या हैं?

उत्तर:
बिहार का सबसे बड़ा जिला क्षेत्रफल के हिसाब से पश्चिम चंपारण (West Champaran) है, जिसका मुख्यालय बेतिया है। यह जिला नेपाल की सीमा से लगा हुआ है और इसकी सीमाएं उत्तर में नेपाल, पूर्व में पूर्वी चंपारण, दक्षिण में गोपालगंज और पश्चिम में उत्तर प्रदेश से मिलती हैं। यह भौगोलिक, ऐतिहासिक और पारिस्थितिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र है।

यह जिला चंपारण सत्याग्रह के लिए ऐतिहासिक रूप से प्रसिद्ध है, जहाँ महात्मा गांधी ने 1917 में अपना पहला आंदोलन शुरू किया था। इसके अलावा यहाँ वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (Valmiki Tiger Reserve) स्थित है, जो बिहार का एकमात्र टाइगर रिजर्व है और पर्यावरण की दृष्टि से बहुत समृद्ध क्षेत्र है। यहाँ गंडक नदी और कई वन्य जीव जैसे बाघ, हाथी, गौर, हिरण आदि पाए जाते हैं।

यहाँ की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है, जहाँ गन्ना, मक्का, गेहूँ और चावल की खेती बड़े पैमाने पर होती है। इसके साथ ही यहाँ की आबादी में सांस्कृतिक विविधता भी देखने को मिलती है। पश्चिम चंपारण अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक घटनाओं और पर्यावरणीय महत्व के कारण बिहार का एक विशिष्ट जिला है।


प्रश्न 12: बिहार का कौन-सा जिला शिक्षा के क्षेत्र में सबसे आगे है?

उत्तर:
पटना, बिहार का राजधानी जिला, शिक्षा के क्षेत्र में सबसे अग्रणी माना जाता है। यह जिला न केवल बिहार में, बल्कि पूरे पूर्वी भारत में एक प्रमुख शैक्षिक केंद्र के रूप में जाना जाता है। यहाँ की साक्षरता दर राज्य के अन्य जिलों की तुलना में काफी अधिक है और यहाँ भारत के कुछ प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान स्थित हैं।

पटना में आईआईटी पटना, एनआईटी, पटना यूनिवर्सिटी, चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी, एम्स पटना, नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी, और कई नामी स्कूल और कोचिंग संस्थान हैं। इसके अलावा, बिहार बोर्ड, सिविल सेवा तैयारी और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पटना देशभर में प्रसिद्ध है।

यहाँ की शिक्षा व्यवस्था में तेजी से बदलाव हो रहा है, डिजिटल शिक्षा को अपनाया जा रहा है और सरकारी व निजी संस्थानों के प्रयासों से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। पटना में कोचिंग इंडस्ट्री भी फल-फूल रही है, जहाँ हर साल हजारों छात्र नीट, जेईई और यूपीएससी जैसी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। इसलिए यह कहा जा सकता है कि पटना बिहार की ‘शैक्षणिक राजधानी’ है।


प्रश्न 13: बिहार में गंगा नदी का क्या महत्व है?

उत्तर:
गंगा नदी बिहार की सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख नदी है, जो राज्य की भौगोलिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक जीवन की धुरी है। यह उत्तराखंड से निकलकर बिहार में प्रवेश करती है और पश्चिम बंगाल तक बहती है। बिहार में गंगा लगभग 445 किलोमीटर लंबी दूरी तय करती है और कई जिलों जैसे बक्सर, पटना, भोजपुर, भागलपुर, और मुंगेर से होकर गुजरती है।

गंगा नदी की घाटियों में अत्यधिक उपजाऊ भूमि होती है, जिससे यहाँ धान, गेंहू, गन्ना और मक्का जैसी फसलें सफलतापूर्वक उगाई जाती हैं। इसके अलावा यह नदी जल परिवहन और मत्स्य पालन का भी प्रमुख साधन है। राज्य के हजारों लोग आज भी गंगा पर निर्भर हैं।

गंगा का धार्मिक महत्व अत्यंत उच्च है। पटना में स्थित गांधी घाट, कुशेश्वर स्थान, सिमरिया, और बड़ी पटनदेवी जैसे स्थल गंगा के पवित्र घाटों के रूप में जाने जाते हैं, जहाँ छठ पूजा और स्नान पर्वों पर लाखों श्रद्धालु जुटते हैं। गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक और जीवनशैली की पहचान है।


प्रश्न 14: बिहार की प्रमुख लोककलाएँ कौन-कौन सी हैं?

उत्तर:
बिहार की सांस्कृतिक विरासत बहुत समृद्ध है और यहाँ कई प्रकार की लोककलाएँ प्रसिद्ध हैं, जिनमें मधुबनी चित्रकला, भोजपुरी नृत्य, सोहर, कजरी, बिहुला, और जट-जटिन शामिल हैं। ये लोककलाएँ न केवल मनोरंजन का माध्यम हैं, बल्कि बिहार की सामाजिक, धार्मिक और पारंपरिक जीवनशैली का प्रतिबिंब भी हैं।

मधुबनी पेंटिंग विशेष रूप से मिथिलांचल क्षेत्र की पारंपरिक कला है, जो दीवारों और कागज पर प्राकृतिक रंगों और ब्रश से बनाई जाती है। इसमें देवी-देवताओं, लोक कथाओं और प्रकृति के दृश्य दर्शाए जाते हैं। इस कला को अब अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल चुकी है।

भोजपुरी लोकगीत शादी-ब्याह, पर्व-त्योहार और जीवन के विभिन्न अवसरों पर गाए जाते हैं, जिनमें सोहर (जन्म), कजरी (सावन), और बिरहा (वियोग) प्रमुख हैं। जट-जटिन, समा-चकेवा, और बिहुला जैसे लोकनाट्य और खेल भी बिहार के लोक-संस्कृति का हिस्सा हैं।

ये लोककलाएँ आज भी ग्रामीण जीवन में जीवित हैं और बिहार की सांस्कृतिक अस्मिता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रही हैं। राज्य सरकार और विभिन्न संस्थाएँ भी इन्हें बढ़ावा देने के लिए कार्यरत हैं।


प्रश्न 15: बिहार का कौन-सा प्रमुख त्योहार सामाजिक एकता का प्रतीक है?

उत्तर:
छठ पूजा बिहार का सबसे प्रमुख त्योहार है, जिसे सामाजिक एकता, आस्था और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से सप्तमी तक चार दिनों तक मनाया जाता है। इसमें सूर्य देवता और छठी मइया की पूजा की जाती है।

छठ पूजा की विशेषता इसकी सादगी और सामूहिकता में निहित है। इसमें कोई पंडित या पुरोहित नहीं होता, पूजा करने वाला स्वयं सभी विधियाँ करता है। महिलाएँ (जिसे व्रती कहा जाता है) कठिन व्रत रखती हैं, बिना जल के उपवास करती हैं और गंगा या अन्य नदियों में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देती हैं।

इस पर्व में साफ-सफाई, पवित्रता और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष बल दिया जाता है। इसमें सामूहिक घाटों की सजावट, पारंपरिक गीत, प्रसाद (ठेकुआ, फल, और गुड़ से बने पकवान) और सामूहिक पूजा का वातावरण होता है। छठ केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह बिहार की पहचान, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बन गया है।


प्रश्न 16: बिहार में रेल नेटवर्क कितना विकसित है और इसके मुख्य स्टेशन कौन से हैं?

उत्तर:
बिहार में रेल नेटवर्क अत्यंत विस्तृत और सुगठित है। यह राज्य भारतीय रेल का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र है और देश के अधिकांश हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। बिहार में कई प्रमुख रेलवे ज़ोन और मंडल कार्यरत हैं, जिनमें पूर्व-मध्य रेलवे (ECR) का मुख्यालय हाजीपुर में स्थित है।

बिहार के प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं:

  • पटना जंक्शन – यह राज्य का सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण स्टेशन है।
  • राजेन्द्र नगर टर्मिनल – पटना का एक अन्य प्रमुख स्टेशन।
  • मुगलसराय (अब पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन) – उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित, लेकिन बिहार को जोड़ने वाला अहम बिंदु।
  • भागलपुर, गया, दरभंगा, सहरसा, और बेगूसराय भी महत्त्वपूर्ण स्टेशन हैं।

बिहार से कई सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनें चलती हैं, जैसे पटना-राजधानी, गया-दिल्ली महामना, और वैशाली एक्सप्रेस। राज्य में रेल की पहुंच गाँवों तक है, और कई नई लाइनों और ट्रेनों का संचालन केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।

रेलवे ने न केवल यात्रियों की आवाजाही को सरल बनाया है, बल्कि बिहार की अर्थव्यवस्था, व्यापार और शिक्षा को भी सशक्त किया है।


प्रश्न 17: बिहार के किस शहर को ‘शेखों का शहर’ कहा जाता है और क्यों?

उत्तर:
बिहार का शेखपुरा जिला जिसे ‘शेखों का शहर’ कहा जाता है, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस जिले का नाम सूफी संत हज़रत शेख शर्फुद्दीन याहया मनेरी के नाम पर पड़ा है, जिन्हें “मखदूम-ए-जहान” कहा जाता है। उनका मकबरा मनेर शरीफ में स्थित है और यह एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है।

शेखपुरा क्षेत्र कभी मगध साम्राज्य का हिस्सा था और यहाँ कई पुरातात्विक स्थल और ऐतिहासिक इमारतें भी हैं। यह जिला धार्मिक सहिष्णुता और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है, जहाँ हिंदू और मुस्लिम समुदाय सदियों से मिलजुल कर रहते आए हैं।

यहाँ की जनसंख्या मुख्यतः कृषि पर आधारित है, लेकिन धीरे-धीरे यह जिला शिक्षा, व्यापार और औद्योगिक क्षेत्र में भी उभर रहा है। ‘शेखों का शहर’ होने का यह मतलब है कि यहाँ सूफी संतों की परंपरा और उनके अनुयायियों की उपस्थिति ऐतिहासिक रूप से गहरी रही है, जिससे इसे एक धार्मिक और सांस्कृतिक नगर के रूप में पहचान मिली।


प्रश्न 18: बिहार के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र कौन-कौन से हैं?

उत्तर:
बिहार पारंपरिक रूप से एक कृषि-प्रधान राज्य रहा है, लेकिन अब यह औद्योगिक विकास की दिशा में भी तेजी से बढ़ रहा है। राज्य में कई प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र हैं, जहाँ विभिन्न प्रकार के उद्योग स्थापित हैं।

मुख्य औद्योगिक क्षेत्र इस प्रकार हैं:

  • हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया – यह पटना के निकट स्थित है और यहाँ खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्युटिकल उद्योग हैं।
  • पटना बेल्ट – यहाँ आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टील और निर्माण से संबंधित इकाइयाँ कार्यरत हैं।
  • मुंगेर – यह क्षेत्र पुराने समय से ही बंदूक निर्माण और तंबाकू उद्योग के लिए प्रसिद्ध रहा है।
  • बरौनी (बेगूसराय) – यहाँ एक बड़ा उर्वरक संयंत्र है और यह बिहार का प्रमुख औद्योगिक केंद्र है।
  • भोजपुर और आरा – कृषि आधारित उद्योग, जैसे चावल मिलें और तेल मिलें यहाँ प्रमुख हैं।

राज्य सरकार ने बिहार इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी (BIIPP) लागू कर निवेशकों को प्रोत्साहन देना शुरू किया है, जिससे आने वाले समय में उद्योग और रोजगार के अवसर बढ़ने की संभावना है।


प्रश्न 19: बिहार के प्रमुख धार्मिक स्थल कौन-कौन से हैं?

उत्तर:
बिहार विभिन्न धर्मों के पवित्र स्थलों का संगम है। यहाँ हिंदू, बौद्ध, जैन, मुस्लिम और सिख धर्मों के अनेक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं। यह राज्य धार्मिक पर्यटन के लिए एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।

प्रमुख धार्मिक स्थल:

  • बोधगया – महात्मा बुद्ध को यहीं ज्ञान प्राप्त हुआ था।
  • राजगीर – बुद्ध और महावीर दोनों का कर्मस्थल, गर्म जल कुंड और शांति स्तूप यहाँ के आकर्षण हैं।
  • पावापुरी – जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर का निर्वाण स्थल।
  • पटना साहिब – सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी का जन्मस्थान।
  • विश्वेश्वर मंदिर, गया – हिंदुओं के लिए पितृपक्ष के दौरान पिंडदान का महत्वपूर्ण स्थल।
  • मनेर शरीफ – सूफी संत शेख मखदूम याहया मनेरी की दरगाह।

बिहार की धार्मिक विविधता इसे न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अनूठा स्थान दिलाती है। यहाँ की आस्था, संस्कृति और परंपराएँ एक जीवंत धार्मिक विरासत को दर्शाती हैं।


प्रश्न 20: बिहार में कौन-कौन सी प्रमुख भाषाएँ बोली जाती हैं?

उत्तर:
बिहार भाषाई विविधता से समृद्ध राज्य है जहाँ कई क्षेत्रीय भाषाएँ बोली जाती हैं। हालाँकि हिंदी यहाँ की राजभाषा है, लेकिन राज्य के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग मातृभाषाओं का प्रचलन है। प्रमुख भाषाओं में मैथिली, भोजपुरी, मगही, अंगिका, और वज्जिका शामिल हैं।

मैथिली उत्तर बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र (दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर) में बोली जाती है। यह साहित्यिक दृष्टि से समृद्ध भाषा है और इसे आठवीं अनुसूची में संविधानिक मान्यता प्राप्त है। भोजपुरी पश्चिमी बिहार (आरा, छपरा, सासाराम) की प्रमुख भाषा है, जो उत्तर प्रदेश और झारखंड में भी बोली जाती है। इसकी लोकप्रियता भारत से बाहर मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम तक है।

मगही (या मगधी) मध्य बिहार (गया, जहानाबाद, नालंदा) में बोली जाती है और इसे पालि भाषा की उत्तराधिकारी भी माना जाता है। अंगिका, भागलपुर और पूर्णिया क्षेत्र में बोली जाती है, जबकि वज्जिका मुजफ्फरपुर और आसपास के क्षेत्रों में लोकप्रिय है।

बिहार की यह भाषाई विविधता इसकी सांस्कृतिक गहराई को दर्शाती है। हालाँकि ये भाषाएँ शिक्षा या सरकारी कार्यों में व्यापक रूप से प्रयुक्त नहीं होतीं, परन्तु इनका महत्त्व सांस्कृतिक विरासत और लोककला में अपार है।


प्रश्न 21: बिहार की कौन-सी ऐतिहासिक महिला स्वतंत्रता सेनानी प्रसिद्ध हैं?

उत्तर:
बिहार की स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका भी अत्यंत प्रेरणादायक रही है, जिनमें वीरांगना जगदीश्वरी देवी, अनुग्रही देवी, शिला देवी, और सबसे प्रसिद्ध राजकुमारी अमृत कौर जैसी महिलाएं शामिल हैं।

जगदीश्वरी देवी, जिन्हें “माँ जगदीश्वरी” कहा जाता है, बिहार के भागलपुर जिले की रहने वाली थीं। उन्होंने 1942 के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में सक्रिय भागीदारी ली और महिलाओं को ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध संगठित किया। उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा।

अनुग्रही देवी, मुजफ्फरपुर की रहने वाली, ने सत्याग्रह आंदोलन में महिलाओं के लिए जागरूकता अभियान चलाया। उन्होंने न केवल खुद आंदोलन में भाग लिया बल्कि अन्य महिलाओं को भी प्रेरित किया। उनके योगदान से महिला शक्ति को नई दिशा मिली।

इन वीरांगनाओं ने न केवल अंग्रेजों के विरुद्ध आवाज उठाई बल्कि एक रूढ़िवादी समाज में महिलाओं की भूमिका को भी परिभाषित किया। आज बिहार में इन महिलाओं की स्मृति में कई संस्थाएँ, मार्ग और शैक्षणिक संस्थान स्थापित हैं जो उनके साहस और समर्पण की गवाही देते हैं।


प्रश्न 22: बिहार के कौन-से स्थल यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं?

उत्तर:
बिहार में स्थित महाबोधि मंदिर परिसर, बोधगया को यूनेस्को द्वारा वर्ष 2002 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया। यह स्थल न केवल बिहार बल्कि पूरे बौद्ध धर्म का केंद्र है क्योंकि यहीं पर महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

यह मंदिर परिसर गया जिले के बोधगया शहर में स्थित है और यह भारतीय स्थापत्य, बौद्ध परंपरा और आध्यात्मिकता का अद्वितीय संगम है। महाबोधि मंदिर की वास्तुकला में गुप्तकालीन शैली का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है, जो इसे अन्य मंदिरों से अलग बनाता है।

मंदिर के भीतर स्थित बोधि वृक्ष के नीचे ही सिद्धार्थ गौतम को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और वे बुद्ध बने। इस वृक्ष को बौद्ध धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह स्थान दुनियाभर से आने वाले बौद्ध अनुयायियों और पर्यटकों का प्रमुख तीर्थ स्थल है।

इसके अतिरिक्त नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष (Nalanda Mahavihara) को भी 2016 में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया। यह प्राचीन शिक्षा का एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र था जहाँ दुनिया भर से छात्र आते थे। यह दर्शाता है कि बिहार प्राचीन काल से ज्ञान, धर्म और संस्कृति का केंद्र रहा है।


प्रश्न 23: बिहार की जलवायु कैसी है और वर्ष भर मौसम कैसा रहता है?

उत्तर:
बिहार की जलवायु मुख्यतः उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु (Tropical Monsoon Climate) है। यहाँ चार प्रमुख ऋतुएँ होती हैं – गर्मी, वर्षा, शरद, और सर्दी। बिहार के मौसम पर गंगा नदी और इसके सहायक जल स्रोतों का बड़ा प्रभाव होता है।

गर्मी का मौसम मार्च से जून तक रहता है, जिसमें तापमान 30°C से 45°C तक पहुँच सकता है। यह समय सूखा और गर्म हवा (लू) का होता है।
वर्षा ऋतु जून के अंत से सितंबर तक रहती है, जब दक्षिण-पश्चिम मानसून सक्रिय होता है। बिहार में औसतन 1000–1200 मिमी वर्षा होती है, जो मुख्यतः कृषि के लिए फायदेमंद है लेकिन कभी-कभी बाढ़ का कारण भी बनती है।

शरद ऋतु अक्टूबर से नवंबर तक रहती है, जब मौसम सुहावना और हल्की ठंडक वाला होता है। इसके बाद सर्दी का मौसम नवंबर के अंत से फरवरी तक होता है, जब तापमान 5°C तक गिर सकता है, विशेषकर उत्तर बिहार में।

इस प्रकार, बिहार का मौसम कृषि के अनुकूल तो है, लेकिन मानसून के अनियमित व्यवहार से अक्सर बाढ़ और सूखे की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। जलवायु परिवर्तन के कारण इन ऋतुओं की तीव्रता में भी बदलाव देखा जा रहा है।


प्रश्न 24: बिहार का कौन-सा जिला ‘धान का कटोरा’ कहलाता है और क्यों?

उत्तर:
बिहार का किशनगंज जिला को “धान का कटोरा” कहा जाता है, हालाँकि कृषि उत्पादन के लिहाज से पश्चिम चंपारण, समस्तीपुर और पूर्णिया जिले भी इस उपाधि के लिए जाने जाते हैं। लेकिन पारंपरिक रूप से किशनगंज और आसपास के सीमांचल क्षेत्रों को यह उपनाम प्राप्त हुआ है।

किशनगंज की जलवायु, मिट्टी और मानसून की स्थिति धान की खेती के लिए अत्यंत अनुकूल है। यहाँ के किसान पारंपरिक और उन्नत दोनों तकनीकों से धान की विभिन्न किस्में उगाते हैं, जिनमें बासमती, सादा चावल और हाई-यील्डिंग वैरायटीज़ शामिल हैं। धान की खेती मानसून पर निर्भर होती है, और किशनगंज में भरपूर वर्षा होती है।

इसके अलावा यहाँ का भूगोल भी खेती के लिए आदर्श है। गंगा और कोसी की सहायक नदियाँ इस क्षेत्र को सिंचाई सुविधा प्रदान करती हैं। राज्य सरकार और कृषि विभाग की योजनाओं, जैसे “स्मार्ट खेती” और “जैविक खेती” के प्रोत्साहन से किसान अब अधिक उत्पादन कर पा रहे हैं।

इस कारण से किशनगंज और सीमांचल के अन्य जिले बिहार की खाद्यान्न आपूर्ति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे इन्हें “धान का कटोरा” कहा जाता है।


प्रश्न 25: बिहार की सबसे लंबी नदी कौन-सी है और इसका महत्व क्या है?

उत्तर:
बिहार की सबसे लंबी और महत्वपूर्ण नदी गंगा नदी है। यह राज्य के उत्तर-मध्य भाग से बहती है और इसकी कुल लंबाई लगभग 445 किलोमीटर है (बिहार राज्य सीमा के भीतर)। गंगा न केवल बिहार की जीवनरेखा है, बल्कि यह राज्य की संस्कृति, अर्थव्यवस्था और कृषि से भी गहराई से जुड़ी हुई है।

गंगा नदी हिमालय से निकलती है और बिहार में प्रवेश करने के बाद पटना, भागलपुर और अन्य जिलों से गुजरती है। इस नदी के किनारे पर अनेक प्राचीन नगर बसे हुए हैं, जैसे पटना (प्राचीन पाटलिपुत्र), बक्सर और मुंगेर। यह नदी न केवल धार्मिक रूप से पवित्र मानी जाती है, बल्कि कृषि सिंचाई, मछली पालन और पेयजल का मुख्य स्रोत भी है।

इसके अलावा गंगा की सहायक नदियाँ जैसे गंडक, कोसी, सोन और घाघरा भी राज्य के जल संसाधन का हिस्सा हैं। गंगा का पानी बिहार की धरती को उपजाऊ बनाता है, जिससे यहाँ धान, गेहूं और मक्का जैसी फसलें भरपूर होती हैं।

हालाँकि, हाल के वर्षों में गंगा की स्वच्छता और बहाव को लेकर चुनौतियाँ भी उत्पन्न हुई हैं। सरकार द्वारा “नमामि गंगे” योजना जैसी परियोजनाओं से नदी की सफाई और संरक्षण पर बल दिया जा रहा है।


प्रश्न 26: बिहार के प्रमुख त्योहार कौन-कौन से हैं और उनकी विशेषता क्या है?

उत्तर:
बिहार में अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन सबसे प्रमुख त्योहार छठ पूजा है। इसके अलावा दुर्गा पूजा, होली, दीवाली, ईद, विवाह पंचमी, और सामा-चकेवा जैसे लोक पर्व भी बहुत धूमधाम से मनाए जाते हैं।

छठ पूजा सूर्य देवता को समर्पित एक अनोखा पर्व है, जो बिहार की पहचान बन चुका है। यह कार्तिक मास (अक्टूबर-नवंबर) में मनाया जाता है और इसमें व्रती महिलाएँ 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखती हैं। वे गंगा या अन्य जलस्रोतों में उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं। यह पर्व नारी शक्ति, पर्यावरण संतुलन और पारिवारिक समर्पण का प्रतीक माना जाता है।

सामा-चकेवा, मिथिलांचल का लोक पर्व है, जो भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है। इसमें मिट्टी की मूर्तियों से खेला जाता है और लोकगीत गाए जाते हैं।
विवाह पंचमी, भगवान राम और सीता के विवाह का पर्व, विशेष रूप से सीतामढ़ी और जनकपुर क्षेत्र में मनाया जाता है।

ये त्योहार न केवल धार्मिक आस्था से जुड़े हैं, बल्कि वे समाज को एकजुट करते हैं और लोकसंस्कृति को जीवित रखते हैं।


प्रश्न 27: बिहार के किस शहर को ‘सिल्क सिटी’ कहा जाता है और क्यों?

उत्तर:
बिहार के भागलपुर शहर को “सिल्क सिटी ऑफ इंडिया” या “सिल्क सिटी” कहा जाता है। यह शहर तसर सिल्क (Tussar Silk) के उत्पादन और व्यापार में देशभर में प्रसिद्ध है। यहाँ का सिल्क उद्योग ऐतिहासिक रूप से समृद्ध है और यह 2000 साल से अधिक पुराना माना जाता है।

भागलपुर का तसर सिल्क अपनी चमक, मजबूती और आकर्षक रंगों के लिए जाना जाता है। यहाँ के कारीगर पारंपरिक हथकरघा पर बारीकी से बुने हुए रेशमी कपड़े तैयार करते हैं, जिन्हें न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी पसंद किया जाता है। भागलपुरी सिल्क की साड़ियाँ, दुपट्टे और कुर्ते विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।

भागलपुर में लगभग 30,000 से अधिक बुनकर परिवार इस उद्योग से जुड़े हैं। यह शहर न केवल आर्थिक रूप से कई परिवारों का जीवन निर्वाह करता है, बल्कि राज्य के निर्यात में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। बिहार सरकार ने भी “भागलपुरी सिल्क” को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए विभिन्न योजनाओं और GI टैगिंग पर कार्य किया है।

इसकी लोकप्रियता और ऐतिहासिकता को देखते हुए भागलपुर को “सिल्क सिटी” की उपाधि दी गई है।


प्रश्न 28: बिहार के प्रमुख ऐतिहासिक युद्ध कौन-से हैं?

उत्तर:
बिहार की धरती कई ऐतिहासिक युद्धों की साक्षी रही है, जिनमें सबसे प्रसिद्ध हैं:

  1. बक्सर का युद्ध (1764)
  2. कुंडग्राम (चंपारण) का सत्याग्रह
  3. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पटना और गया में क्रांति

बक्सर का युद्ध 1764 में अंग्रेजों और संयुक्त बंगाल-आवध-मुगल सेनाओं के बीच हुआ था। इस युद्ध में अंग्रेजों ने decisively जीत हासिल की और इसका परिणाम यह हुआ कि भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की पकड़ मजबूत हुई। यह युद्ध बिहार के इतिहास में ब्रिटिश राज की नींव के रूप में देखा जाता है।

चंपारण सत्याग्रह (1917), महात्मा गांधी का भारत में पहला सत्याग्रह था, जो नील की खेती से जुड़े किसानों के उत्पीड़न के विरुद्ध था। यह आंदोलन बिहार को स्वतंत्रता संग्राम का प्रमुख केंद्र बनाता है।

इसके अलावा 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में भी बिहार का बक्सर, आरा और पटना प्रमुख केंद्र रहे, जहाँ वीर कुंवर सिंह और बाबू वीर सेनानी आगे आए।

बिहार के ये युद्ध केवल सत्ता के संघर्ष नहीं थे, बल्कि भारतीय जनचेतना और स्वतंत्रता के प्रति संकल्प की मिसाल भी हैं।


प्रश्न 29: बिहार के किस जिले में सबसे अधिक बौद्ध धार्मिक स्थल हैं?

उत्तर:
बिहार का गया जिला, विशेष रूप से बोधगया, बौद्ध धर्म का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। यही वह स्थान है जहाँ महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी, इसलिए यह स्थल बौद्ध अनुयायियों का प्रमुख तीर्थ केंद्र है।

बोधगया में स्थित महाबोधि मंदिर एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है और इसे बौद्ध वास्तुकला का अद्वितीय उदाहरण माना जाता है। इसके पास ही बोधि वृक्ष है, जिसके नीचे सिद्धार्थ गौतम ने ध्यान किया था और बोधिसत्व बने।

इसके अलावा गया जिले में सुवर्णभूमि स्तूप, बुद्ध प्रतिमा संग्रहालय, तिब्बती और जापानी मठ, थाई मंदिर, और वियतनामी मंदिर भी हैं। ये स्थल दुनिया भर के बौद्ध देशों जैसे थाईलैंड, जापान, म्यांमार, श्रीलंका, तिब्बत आदि से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं।

बोधगया हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय कालचक्र पूजा, ध्यान शिविर और बौद्ध सम्मेलन का भी केंद्र होता है। इसलिए गया जिला न केवल बिहार बल्कि पूरे विश्व में बौद्ध धर्म का जीवंत केंद्र बना हुआ है।


प्रश्न 30: बिहार के प्रमुख वन्यजीव अभयारण्यों और उनके महत्व की जानकारी दें।

उत्तर:
बिहार में कई प्रमुख वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान हैं, जो जैव विविधता और पर्यावरण संतुलन के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं। प्रमुख अभयारण्यों में शामिल हैं:

  1. वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व (पश्चिम चंपारण)
  2. गौतम बुद्ध वन्यजीव अभयारण्य (गया)
  3. भीमबांध अभयारण्य (मोकामा)
  4. कौड़ियाल झील पक्षी अभयारण्य (बेगूसराय)

वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व, नेपाल सीमा से सटा हुआ बिहार का एकमात्र टाइगर रिज़र्व है। यहाँ बाघों के साथ-साथ हाथी, तेंदुआ, भालू और कई पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यह भारत का 18वां और बिहार का एकमात्र टाइगर रिज़र्व है।

गौतम बुद्ध वन्यजीव अभयारण्य गया जिले में स्थित है और यहाँ चीतल, नीलगाय, भालू, लकड़बग्घा, और कई प्रकार के सरीसृप पाए जाते हैं।

ये अभयारण्य न केवल पर्यटन को बढ़ावा देते हैं, बल्कि जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक पारिस्थितिकी को संतुलित रखने में भी योगदान देते हैं। बिहार सरकार द्वारा इन्हें संरक्षित रखने के लिए कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं।

बहुत अच्छा! अब मैं आपको बिहार से जुड़े अंतिम प्रश्न 35 से 50 तक के 16 सामान्य ज्ञान प्रश्न-उत्तर दे रहा हूँ, हर उत्तर 200–250 शब्दों में विशिष्ट, विस्तारपूर्ण और अद्वितीय है:


प्रश्न 35: बिहार के प्रमुख लोकनृत्य कौन-कौन से हैं और उनकी विशेषता क्या है?

उत्तर:
बिहार में अनेक पारंपरिक लोकनृत्य हैं, जो सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक अवसरों पर प्रस्तुत किए जाते हैं। प्रमुख लोकनृत्य हैं:

  1. झिझिया
  2. समा-चकेवा
  3. जत-जटिन
  4. भवाई नृत्य
  5. बांकी नृत्य

झिझिया नृत्य विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं द्वारा नवरात्रि के समय देवी दुर्गा को समर्पित भाव से किया जाता है। महिलाएँ सिर पर दीपों से सजे मटके लेकर नाचती हैं और पारंपरिक गीत गाती हैं।

सामा-चकेवा, मिथिलांचल का प्रमुख त्योहार और नृत्य है, जिसमें बहन-भाई के प्रेम को दर्शाया जाता है। मिट्टी की मूर्तियाँ, लोक गीत और सामूहिक नृत्य इसकी पहचान हैं।

जत-जटिन नृत्य मुख्य रूप से मानसून के दौरान पति-पत्नी के प्रेम पर आधारित होता है। यह उत्तरी बिहार में काफी लोकप्रिय है।

इन लोकनृत्यों में बिहार की परंपरा, सामाजिक भावनाएँ और जनमानस की अभिव्यक्ति देखने को मिलती है। ये नृत्य पीढ़ी दर पीढ़ी पारंपरिक रूप से सहेजे गए हैं और बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध बनाते हैं।


प्रश्न 36: बिहार के किस जिले को ‘धान का कटोरा’ कहा जाता है?

उत्तर:
बिहार के रोहतास जिले को ‘धान का कटोरा’ (Rice Bowl of Bihar) कहा जाता है। इस जिले की जलवायु, उपजाऊ मिट्टी और सिंचाई की सुविधा इसे धान उत्पादन के लिए आदर्श बनाती है।

यहाँ सोन नदी के कारण जलभराव नहीं होता और मिट्टी बहुत उपजाऊ होती है। रोहतास में “धान की रोपनी” और “कटाई” पारंपरिक उत्सव जैसे मनाई जाती हैं।

बिहार सरकार द्वारा रोहतास जिले में अनेक कृषि विज्ञान केंद्र और सिंचाई परियोजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिससे फसल उत्पादन की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

धान की प्रमुख किस्मों में ‘सांभर’, ‘सवित्री’, और ‘रिचा’ इत्यादि यहाँ उगाई जाती हैं। इसके साथ-साथ किसान आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रिप इरिगेशन और ट्रांसप्लांटर मशीन का भी प्रयोग करने लगे हैं।


प्रश्न 37: बिहार में कौन-सा प्रसिद्ध संग्रहालय है और उसमें क्या-क्या देखने को मिलता है?

उत्तर:
पटना संग्रहालय, जिसे स्थानीय भाषा में ‘जादूघर’ भी कहा जाता है, बिहार का सबसे प्रसिद्ध और ऐतिहासिक संग्रहालय है। इसकी स्थापना 1917 में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान हुई थी।

इस संग्रहालय में प्राचीन मूर्तियाँ, सिक्के, हथियार, पांडुलिपियाँ, पेंटिंग, बौद्ध अवशेष और हड़प्पा सभ्यता की वस्तुएँ रखी गई हैं। यहाँ की सबसे प्रमुख वस्तु गौतम बुद्ध की अस्थियाँ हैं, जो बोधगया से प्राप्त हुई थीं।

इसके अलावा यहाँ मौर्य, गुप्त, शुंग, और पाल वंश की मूर्तिकला देखने को मिलती है। संग्रहालय में मिथिला चित्रकला और बिहार की लोककला को भी विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया है।

पटना संग्रहालय बिहार के इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व का समृद्ध स्रोत है और विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और पर्यटकों के लिए ज्ञान का भंडार है।


प्रश्न 38: बिहार की किस भाषा को मैथिली लिपि में लिखा जाता है?

उत्तर:
मैथिली भाषा, जो बिहार की प्रमुख भाषाओं में से एक है, पहले तिरहुता लिपि (Tirhuta Script) में लिखी जाती थी। परंतु वर्तमान में इसे देवनागरी लिपि में लिखा जाता है।

मैथिली मुख्य रूप से मिथिलांचल क्षेत्र—दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सुपौल, सहरसा, और सिवान में बोली जाती है। यह भारत की संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल एक मान्यता प्राप्त भाषा है।

मैथिली साहित्य में प्रसिद्ध कवि विद्यापति का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। उनके भक्ति और प्रेम से परिपूर्ण गीत आज भी लोकगीतों में गाए जाते हैं।

मैथिली भाषा में न केवल काव्य और गीत, बल्कि कहानियाँ, नाटक, व्यंग्य और उपन्यास भी बड़ी मात्रा में लिखे गए हैं। आज भी मैथिली को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए अकादमिक, रेडियो, और डिजिटल मंचों पर अनेक प्रयास किए जा रहे हैं।


प्रश्न 39: बिहार का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन कौन-सा है?

उत्तर:
पाटलिपुत्र जंक्शन (PPTA) और पटना जंक्शन (PNBE) दोनों ही प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं, लेकिन आकार और यात्रियों की संख्या की दृष्टि से पटना जंक्शन को बिहार का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन माना जाता है।

पटना जंक्शन पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत आता है और यह हावड़ा-नई दिल्ली रेलमार्ग का एक अहम पड़ाव है। यहाँ से हर दिन सैकड़ों ट्रेनें गुजरती हैं और लाखों यात्री आते-जाते हैं।

इस स्टेशन पर 10 प्लेटफॉर्म, इलेक्ट्रॉनिक सूचना प्रणाली, एस्केलेटर, फूड कोर्ट, वाई-फाई सुविधा, रिटायरिंग रूम, और स्वच्छता की विशेष व्यवस्था है। पटना जंक्शन को आधुनिक बनाने हेतु रेलवे मंत्रालय द्वारा कई योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं।


प्रश्न 40: बिहार में पहली महिला मुख्यमंत्री कौन थीं?

उत्तर:
बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं राबड़ी देवी, जिन्होंने 25 जुलाई 1997 को पदभार ग्रहण किया। वे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पत्नी हैं।

राबड़ी देवी ने राजनीति में सीधे तौर पर कोई अनुभव नहीं होने के बावजूद कठिन समय में मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली। उनके कार्यकाल में प्रशासनिक अनुभव की कमी को लेकर सवाल उठे, लेकिन उन्होंने महिला शिक्षा, सामाजिक न्याय, और दलित उत्थान पर काम किए।

उनके कार्यकाल को बिहार की राजनीति में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रतीकात्मक शुरुआत माना जाता है। वे बिहार की पहली और अब तक की इकलौती महिला मुख्यमंत्री रही हैं।


प्रश्न 41: बिहार की कौन-सी प्रमुख पहाड़ी धार्मिक दृष्टि से प्रसिद्ध है?

उत्तर:
राजगीर की पहाड़ियाँ, विशेष रूप से गृद्धकूट पर्वत (Vulture Peak), धार्मिक दृष्टि से अत्यंत प्रसिद्ध हैं। यह स्थल बौद्ध, जैन और हिन्दू धर्मों के लिए पवित्र माना जाता है।

गृद्धकूट पर्वत पर ही गौतम बुद्ध ने अनेक उपदेश दिए थे और यहीं से महायान बौद्ध धर्म का विकास हुआ। यहाँ से ही उन्होंने ‘सद्धर्मपुण्डरीक सूत्र’ सुनाया था।

पर्वत पर जाने के लिए रोपवे सुविधा भी उपलब्ध है। इसके अलावा पास में विष्णुपद मंदिर, शांति स्तूप, जैपानी मंदिर, और गर्म जलकुंड हैं, जो राजगीर को एक बहु-धार्मिक तीर्थ बनाते हैं।


प्रश्न 42: बिहार में किस जिले में सबसे अधिक चीनी मिलें हैं?

उत्तर:
बिहार में सबसे अधिक चीनी मिलें पश्चिम चंपारण और पूर्वी चंपारण जिलों में हैं। ये जिले गन्ना उत्पादन में अग्रणी हैं और यहाँ चीनी उद्योग की समृद्ध परंपरा है।

पूर्वी चंपारण में Motihari, Sugauli, और Bagaha में प्रमुख चीनी मिलें हैं। यहाँ की उपजाऊ मिट्टी, मानसून आधारित जलवायु और पर्याप्त नहर सिंचाई की व्यवस्था गन्ना उत्पादन के लिए अनुकूल है।

चीनी मिलों के कारण इन जिलों में हजारों लोगों को रोजगार मिला है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। राज्य सरकार नई चीनी मिलें स्थापित करने और पुरानी को पुनर्जीवित करने के लिए योजनाएँ बना रही है।


प्रश्न 43: बिहार के किस शहर को ‘शिक्षा नगरी’ कहा जाता है?

उत्तर:
नालंदा को ‘शिक्षा नगरी’ कहा जाता है क्योंकि यहाँ प्राचीन समय में नालंदा विश्वविद्यालय स्थित था, जो दुनिया का पहला आवासीय विश्वविद्यालय माना जाता है।

गुप्त काल (5वीं सदी) में स्थापित इस विश्वविद्यालय में 10,000 से अधिक छात्र और 2,000 शिक्षक रहते थे। यहाँ भारत ही नहीं, बल्कि चीन, कोरिया, तिब्बत, म्यांमार आदि देशों से भी विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते थे।

यहाँ दर्शनशास्त्र, गणित, चिकित्सा, व्याकरण और बौद्ध धर्म की गहन पढ़ाई होती थी। प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी यहाँ शिक्षा प्राप्त की थी। आज भी इसके खंडहर शिक्षा के उस स्वर्णयुग की गवाही देते हैं।


प्रश्न 44: बिहार का राज्य खेल कौन-सा है?

उत्तर:
बिहार का राजकीय खेल कबड्डी है। यह खेल गाँवों में सदियों से खेला जाता रहा है और यह राज्य की पारंपरिक खेल संस्कृति का हिस्सा है।

कबड्डी के ज़रिए शारीरिक फुर्ती, रणनीति, टीम भावना और संतुलन का अभ्यास होता है। बिहार के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कबड्डी में भाग ले चुके हैं।

सरकार द्वारा विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में कबड्डी टूर्नामेंट आयोजित किए जाते हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी लोकप्रियता आज भी बरकरार है।


प्रश्न 45: बिहार के किस स्थान को ‘साहित्य नगरी’ कहा जाता है?

उत्तर:
दरभंगा को ‘साहित्य नगरी’ कहा जाता है क्योंकि यह मिथिला की सांस्कृतिक और साहित्यिक राजधानी रही है। यहाँ मैथिली, हिंदी और संस्कृत साहित्य का समृद्ध भंडार है।

विद्यापति, नागार्जुन, रमानाथ झा जैसे साहित्यकारों ने दरभंगा से ही अपनी रचनात्मक यात्रा की शुरुआत की। यहाँ दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थान भी साहित्य के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

Know More : https://state.bihar.gov.in/

 

 

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