भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के उपयोगकर्ताओं के लिए 2025 में कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू हुए हैं। इन नए नियमों का उद्देश्य डिजिटल भुगतान प्रणाली को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। इस लेख में हम इन अपडेट्स की विस्तृत जानकारी देंगे, साथ ही बताएंगे कि आप इन परिवर्तनों के अनुसार UPI का उपयोग कैसे कर सकते हैं।
2025 में UPI के नए नियम(New UPI Rule 2025)
1. निष्क्रिय मोबाइल नंबरों से जुड़े UPI ID होंगे निष्क्रिय
1 अप्रैल 2025 से, यदि आपका बैंक से पंजीकृत मोबाइल नंबर तीन महीने से अधिक समय तक निष्क्रिय रहता है, तो उससे जुड़ा UPI ID स्वतः निष्क्रिय कर दिया जाएगा। इससे UPI धोखाधड़ी की घटनाओं को कम करने में मदद मिलेगी। ([New UPI rules starting April 1)
2. मोबाइल नंबर अपडेट की साप्ताहिक अनिवार्यता
बैंक और UPI ऐप्स को अब अपने ग्राहकों के मोबाइल नंबरों को साप्ताहिक आधार पर अपडेट करना आवश्यक है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि UPI लेनदेन में सही और सक्रिय मोबाइल नंबरों का उपयोग हो रहा है।
3. ‘कलेक्ट पेमेंट्स’ फीचर में बदलाव
अब केवल बड़े और सत्यापित व्यापारी ही ‘कलेक्ट पेमेंट्स’ फीचर का उपयोग कर सकेंगे। व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के लिए इस फीचर की सीमा ₹2,000 तक सीमित कर दी गई है। इसका उद्देश्य धोखाधड़ी की संभावनाओं को कम करना है।
4. UPI लेनदेन की गति में सुधार
16 जून 2025 से, UPI लेनदेन की प्रक्रिया समय को 15 सेकंड तक घटा दिया जाएगा। NPCI का यह कदम उपयोगकर्ताओं को तेज़ और विश्वसनीय लेनदेन अनुभव प्रदान करने के लिए है।
5. UPI लेनदेन पर GST लागू
₹2,000 से अधिक के व्यापारी लेनदेन पर अब GST लागू हो सकता है। हालांकि, व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के बीच के लेनदेन (P2P) पर यह लागू नहीं होगा। इसका उद्देश्य उच्च-मूल्य के डिजिटल लेनदेन को कर के दायरे में लाना है।
6. दैनिक लेनदेन सीमा
2025 में, UPI के माध्यम से प्रति दिन अधिकतम ₹1 लाख तक का लेनदेन किया जा सकता है। UPI 123Pay के लिए प्रति लेनदेन सीमा ₹10,000 है। हालांकि, यह सीमा बैंक और उपयोगकर्ता की प्रोफ़ाइल पर निर्भर कर सकती है। (UPI Transaction Limit Per Day in 2025)
UPI का उपयोग कैसे करें: चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका
1. UPI-सक्षम ऐप डाउनलोड करें : Google Pay, PhonePe, Paytm, BHIM आदि में से किसी एक को चुनें।
2. मोबाइल नंबर पंजीकरण : ऐप में वही मोबाइल नंबर दर्ज करें जो आपके बैंक खाते से जुड़ा हो।
3. बैंक खाता लिंक करें : ऐप में अपने बैंक खाते को लिंक करें और UPI PIN सेट करें।
4. लेनदेन करें : UPI ID, QR कोड, या मोबाइल नंबर के माध्यम से पैसे भेजें या प्राप्त करें।
5. सुरक्षा सुनिश्चित करें : अपने UPI PIN को गोपनीय रखें और अनजान अनुरोधों से सावधान रहें।
🔐 UPI का सुरक्षित उपयोग करने के 10 टिप्स (हिंदी में)
1. UPI PIN कभी भी साझा न करें
👉 अपना UPI पिन किसी के साथ भी साझा न करें, चाहे वह खुद को बैंक कर्मचारी ही क्यों न बताए।
2. किसी लिंक पर क्लिक करके भुगतान न करें
👉 अगर कोई आपको पैसे भेजने के नाम पर लिंक भेजता है, तो उस पर क्लिक न करें। धोखाधड़ी हो सकती है।
3. सार्वजनिक Wi-Fi पर UPI उपयोग न करें
👉 हमेशा अपने निजी इंटरनेट कनेक्शन का ही उपयोग करें, सार्वजनिक नेटवर्क असुरक्षित होते हैं।
4. UPI ऐप्स को समय-समय पर अपडेट करें
👉 लेटेस्ट सिक्योरिटी फीचर्स के लिए ऐप्स को अपडेट करते रहें।
5. कई ऐप्स में एक ही UPI ID का उपयोग न करें
👉 इससे सुरक्षा जोखिम बढ़ सकता है। प्रत्येक ऐप के लिए अलग UPI ID उपयोग करें।
6. संदिग्ध लेनदेन की तुरंत रिपोर्ट करें
👉 कोई भी अनजान या अनचाहा ट्रांजैक्शन दिखे तो तुरंत बैंक या ऐप सपोर्ट से संपर्क करें।
7. सिर्फ आधिकारिक ऐप्स ही डाउनलोड करें
👉 Google Play Store या Apple App Store से ही UPI ऐप्स डाउनलोड करें, थर्ड पार्टी साइट से नहीं।
8. नकली कॉल से सावधान रहें
👉 कोई भी KYC या ऑफर के बहाने कॉल करे और PIN मांगे, तो फौरन कॉल काट दें। बैंक कभी PIN नहीं मांगता।
9. स्ट्रॉन्ग फोन पासवर्ड और लॉक स्क्रीन रखें
👉 अगर फोन खो जाए तो आपके ऐप्स तक पहुंच न हो पाए, इसलिए सिक्योरिटी लॉक ज़रूरी है।
10. UPI ऐप्स में बायोमेट्रिक/फेस लॉक का इस्तेमाल करें
👉 जहाँ संभव हो, फिंगरप्रिंट या फेस अनलॉक जैसे फीचर को एक्टिव करें ताकि ऐप खोलना और सुरक्षित हो।
📌 निष्कर्ष
2025 में UPI से जुड़े नए नियमों का उद्देश्य डिजिटल भुगतान प्रणाली को और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और उपयोगकर्ता-मित्र बनाना है। इन परिवर्तनों के साथ, उपयोगकर्ताओं को अपने मोबाइल नंबर सक्रिय रखने, लेनदेन सीमाओं का पालन करने, और UPI ऐप्स के नवीनतम संस्करणों का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। इससे न केवल आपका लेनदेन अनुभव बेहतर होगा, बल्कि आप संभावित धोखाधड़ी से भी सुरक्षित रहेंगे।
अधिक जानकारी के लिए, आप NPCI की आधिकारिक वेबसाइट [www.npci.org.in](https://www.npci.org.in/) पर जा सकते हैं।

